Friday, May 18, 2007
रामानुज की भक्ती शाखा
रामानुजाचार्य ने विशिष्टाद्वैता संप्रदाय की स्थापना की। इस सिद्वांत के अनुसार जीवात्मा और परमात्मा यद्यपि एक माना जासकता ,फिर भी उन दोनों मेम भिन्नता है। जैसे हम देकते है कि पेड के झड़ ,शाखा ,पत्ते, फूल ,,फल आदि अपने अलग व्यक्तित्व का प्रदर्शन देते हुये पेड के अंग बने हुये है । इसी प्रकार जीवात्मा भी अपने अपने अलग व्यक्तित्व प्रकट करते हुये उस परमात्मा के अंग बनते है।
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